अजीब अनसुलझी पहेली है
मसाइलों के बाज़ार में
जज़्बातों की भीड़ है
फिर भी ज़िन्दगी अकेली है
कल अचानक के अँधेरे ने
चुराई नींद उनकी
वो कल को ढूंढते रहे
और कल उनसे छिपता रहा
यूँ ही खेलती है कुछ
हँसी -ग़म की लुकाछिपी
रुख़ पर चलता है सदा
अश्क़ो -मुस्कुराहटों का सिलसिला
वो हैं कोई किताब जहाँ
हज़ारों पन्नों की लिखावट में
कई किरदारों में नज़र आती है
कहानी एक ही खूबसूरत कोई
हाँ खूबसूरत है वो
कि इंद्रधनु के रंग लिए
बनाती है तस्वीर हँसीं
कुछ अपना ही ढंग लिए
उलझती लफ़्ज़ों में लिखी
एक हँसीं सी पहेली है
है लोग बेशुमार मगर
ज़िन्दगी अकेली है
मसाइलों के बाज़ार में
जज़्बातों की भीड़ है
फिर भी ज़िन्दगी अकेली है
कल अचानक के अँधेरे ने
चुराई नींद उनकी
वो कल को ढूंढते रहे
और कल उनसे छिपता रहा
यूँ ही खेलती है कुछ
हँसी -ग़म की लुकाछिपी
रुख़ पर चलता है सदा
अश्क़ो -मुस्कुराहटों का सिलसिला
वो हैं कोई किताब जहाँ
हज़ारों पन्नों की लिखावट में
कई किरदारों में नज़र आती है
कहानी एक ही खूबसूरत कोई
हाँ खूबसूरत है वो
कि इंद्रधनु के रंग लिए
बनाती है तस्वीर हँसीं
कुछ अपना ही ढंग लिए
उलझती लफ़्ज़ों में लिखी
एक हँसीं सी पहेली है
है लोग बेशुमार मगर
ज़िन्दगी अकेली है