ढूंढता किसे है नादान ?
वो अक्स जो उतरा था कभी
तेरे ख्वाबों की दरिया में
दबे पाँव तेरा तसव्वुर लिए
या फिर वो आवाज़ ?
जो गूंजी थी दिल के कोने में
अरमानों का नज़्म लिए,
चाहतों के गीत लिए
किसे खोजता है इस अँधेरे में ?
चाँद जो उतरा था ज़मीन पे कभी
या वो सितारा जो टूटा था आसमां से
और आकर चमका था तेरे आँखों में
इन सूनी पड़ी रात की सड़कों पर
क्या टटोलता है इधर उधर ?
ढूंढता है किस के क़दमों के निशां
किसे छूने को हाथ बढ़ाता है बता
कौन है तुझे जिससे है उम्मीदें अब भी
कौन है यहाँ तेरा बस तेरे सिवा
न जाने तुझे अब भी क्यों लगता है
फिर उभरेगा वही अक्स तेरे ख्वाबो से
फिर से गूंजेगा ज़हन में कोई गीत नया
और सिमटेगा सितारा कोई निगाहों में
रहता है हक़ीक़त के दायरे में मगर
बात करता है बस अपने ख्वाबों से
कुछ शौक़ है यूँ तुझे खुशफहमी का
आज खुश है आँखों में बरसात लिए
तू जानता है कि ये कोई सावन नहीं
तेरे हिस्से में शायद वो मौसम ही नहीं
फिर भी मरते क्यों नहीं तेरे अरमान
बेसबब बदहवासी लिए
ढूंढता किसे है नादान ?
वो अक्स जो उतरा था कभी
तेरे ख्वाबों की दरिया में
दबे पाँव तेरा तसव्वुर लिए
या फिर वो आवाज़ ?
जो गूंजी थी दिल के कोने में
अरमानों का नज़्म लिए,
चाहतों के गीत लिए
किसे खोजता है इस अँधेरे में ?
चाँद जो उतरा था ज़मीन पे कभी
या वो सितारा जो टूटा था आसमां से
और आकर चमका था तेरे आँखों में
इन सूनी पड़ी रात की सड़कों पर
क्या टटोलता है इधर उधर ?
ढूंढता है किस के क़दमों के निशां
किसे छूने को हाथ बढ़ाता है बता
कौन है तुझे जिससे है उम्मीदें अब भी
कौन है यहाँ तेरा बस तेरे सिवा
न जाने तुझे अब भी क्यों लगता है
फिर उभरेगा वही अक्स तेरे ख्वाबो से
फिर से गूंजेगा ज़हन में कोई गीत नया
और सिमटेगा सितारा कोई निगाहों में
रहता है हक़ीक़त के दायरे में मगर
बात करता है बस अपने ख्वाबों से
कुछ शौक़ है यूँ तुझे खुशफहमी का
आज खुश है आँखों में बरसात लिए
तू जानता है कि ये कोई सावन नहीं
तेरे हिस्से में शायद वो मौसम ही नहीं
फिर भी मरते क्यों नहीं तेरे अरमान
बेसबब बदहवासी लिए
ढूंढता किसे है नादान ?
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