दर्द है अश्क़ है लाचारी है
तेरी दुनिया का हर शक्स एक भिखारी है
दिया था तूने जिसे सबको ज़िन्दगी कह कर
दुखता सीने में अब तलक वही बीमारी है
किस रात की सियाही से लिखा था तूने
मेरी किस्मत को सिर्फ ग़म से सरोकारी है
यह धुँए का है जलन या है कोई और चुभन
फिर आँखों से निकली तेरी सवारी है
कोई रहम न कर इतना तो बता मुझको मगर
क्या मेरी रूह का होना मेरी लाचारी है
कैसे सम्भलूँ कि गिराया मुझे जब तूने ही
क्या इसमें भी तेरी कोई मदद्गारी है
हो जो भी मगर है नहीं शिक़वा तुझसे
है सुकूँ यही हर जंग तुझही से हारी है
तेरी दुनिया का हर शक्स एक भिखारी है
दिया था तूने जिसे सबको ज़िन्दगी कह कर
दुखता सीने में अब तलक वही बीमारी है
किस रात की सियाही से लिखा था तूने
मेरी किस्मत को सिर्फ ग़म से सरोकारी है
यह धुँए का है जलन या है कोई और चुभन
फिर आँखों से निकली तेरी सवारी है
कोई रहम न कर इतना तो बता मुझको मगर
क्या मेरी रूह का होना मेरी लाचारी है
कैसे सम्भलूँ कि गिराया मुझे जब तूने ही
क्या इसमें भी तेरी कोई मदद्गारी है
हो जो भी मगर है नहीं शिक़वा तुझसे
है सुकूँ यही हर जंग तुझही से हारी है
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