धड़कन, ज़रा आहिस्ता चल
लम्बा है सफर तेरा
कहीं थक ना जाये कल
तेरे दिल के कश्म्कश की
है चेहरे पर कई निशानी
चाहे वो अपने से रूखापन हो
या हो आँखों से बहता पानी
तेरे उलझनों में लिपटा हुआ
ख्यालों का ताना-बाना
और बेसबब बेकरारी का
हर वक़्त आना जाना
ये निशानियाँ सभी है कहती
तुझे भी दर्द होता है कभी
कहीं कुछ टूटा है जो चुभता है
और तेरी ख्वाबों की माला
तमाम राह पर बिखरा है
लगता है तू भी कभी गिरा है
गिरके उठने का हुनर है तुझमे
फिर भी ये इल्तिजा मैं करता हूँ
घायल से इस दिल पे एहसान सा कर
दो घढ़ी रुक,ले सुकून के कुछ पल
तेरी चोट है नयी अभी
संभल ,ज़रा आहिस्ता चल
लम्बा है सफर तेरा
कहीं थक ना जाये कल
तेरे दिल के कश्म्कश की
है चेहरे पर कई निशानी
चाहे वो अपने से रूखापन हो
या हो आँखों से बहता पानी
तेरे उलझनों में लिपटा हुआ
ख्यालों का ताना-बाना
और बेसबब बेकरारी का
हर वक़्त आना जाना
ये निशानियाँ सभी है कहती
तुझे भी दर्द होता है कभी
कहीं कुछ टूटा है जो चुभता है
और तेरी ख्वाबों की माला
तमाम राह पर बिखरा है
लगता है तू भी कभी गिरा है
गिरके उठने का हुनर है तुझमे
फिर भी ये इल्तिजा मैं करता हूँ
घायल से इस दिल पे एहसान सा कर
दो घढ़ी रुक,ले सुकून के कुछ पल
तेरी चोट है नयी अभी
संभल ,ज़रा आहिस्ता चल
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