हसरतों का सावन
हर आँख से बरसता
ये क्या शहर है तेरा
हर शख़्स है तरसता
वो हाथ लेके आंसू
चला है ग़म भुलाने
मगर उसे मिलेंगे
बस बेरुखी के ताने
ये शहर ही है कुछ ऐसा
न कोई है किसी का
हर दोस्त के शक्ल में
रकीब है किसी का
है संग्दिलों की बस्ती
इन्हे दिलों से क्या है
लफ्ज़-ए-फ़रेब में ही
हर वाक़या बयाँ है
कोई नहीं मिलेगा
यहाँ सुकून दे जो
वो निग़ाह ही नहीं है
हमदर्द से उठे जो
बस धुप में झुलसता
इक टूटे दिल का हिस्सा
है न गैर की कहानी
है इसी शहर का किस्सा
हर आँख से बरसता
ये क्या शहर है तेरा
हर शख़्स है तरसता
वो हाथ लेके आंसू
चला है ग़म भुलाने
मगर उसे मिलेंगे
बस बेरुखी के ताने
ये शहर ही है कुछ ऐसा
न कोई है किसी का
हर दोस्त के शक्ल में
रकीब है किसी का
है संग्दिलों की बस्ती
इन्हे दिलों से क्या है
लफ्ज़-ए-फ़रेब में ही
हर वाक़या बयाँ है
कोई नहीं मिलेगा
यहाँ सुकून दे जो
वो निग़ाह ही नहीं है
हमदर्द से उठे जो
बस धुप में झुलसता
इक टूटे दिल का हिस्सा
है न गैर की कहानी
है इसी शहर का किस्सा
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